Wednesday, January 30, 2019

Nostalgia...


यादों के अरण्य में,
भटकते है हम,
जिन्हें खोजते है,
और सोचते है हम..

कहीं छाया दिखती है
कहीं भ्रम होता है,
उनकी आहट मिलती है,
और खो जाते है हम..

यही वो मिला था,
वहां वो हंसा था,
कहाँ वो जुदा था,
सोचते है हम..

पर उन जगहों पर,
वो नही मिलते,
मिलते है तो बस,
उनकी यादों से हम..

जितेंद्र...



No comments:

Post a Comment