Monday, May 13, 2024

दिल से

मेरे मुखालिफ़ों में चर्चा है कि शख़्स काम का है, मगर दो ऐब हैं उसमें।
एक तो सर उठा कर चलता है, दूजा मुँह में ज़बान रखता है ।।

Sunday, April 14, 2024

दिल से

तबस्सुम आज़मी 
ये भी नहीं कि हम ने भरोसा किया न हो
ये भी नहीं कि आँख से पर्दा हटा न हो 
ये भी नहीं कि आप समझ पाएँ दिल की बात
ये भी नहीं कि आप को कुछ भी पता न हो .

Thursday, April 11, 2024

दिल से

 खुर्शीद साहब की शायरी,
हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता, 
जिसे पाया नहीं जाता उसे खोया नहीं जाता। 
बहुत हंसने की आदत का यही अंजाम होता है, 
कि हम रोना भी चाहें तो कभी रोया नहीं जाता। 

दिल से

ग़यास मतीन

ख्वाब आंखों की गली छोड़ के जाने निकले,
हम इधर नींद की दीवार गिराने निकले,
जब समुंदर पे चले हम तो ये सहरा चुप थे, 
अब पहाड़ी पे खड़े हैं तो बुलाने निकले