जहा मैं रहता हूं,
पास ही में जंगल है,
वहां आज भी बाघ रहते है,
वहां आज भी तेंदुए रहते है।
पास ही में जंगल है,
वहां आज भी बाघ रहते है,
वहां आज भी तेंदुए रहते है।
कभी कभी लगता है,
की छत पर बाघ आ जायेगा,
पहले मैं डरूंगा,
फिर वो मुझे खा जाएगा।
की छत पर बाघ आ जायेगा,
पहले मैं डरूंगा,
फिर वो मुझे खा जाएगा।
पर शायद ये मेरे मन का वहम है,
बाघ उतना खतरनाक नही,
जितना मैं स्वयं हुँ,
अपनी पत्नी के लिए।
बाघ उतना खतरनाक नही,
जितना मैं स्वयं हुँ,
अपनी पत्नी के लिए।
वो कहती है, मुझसे,
"बाघ से डर नही लगता जी,
आप से लगता है!"
मैने पूछा क्यों?
"बाघ से डर नही लगता जी,
आप से लगता है!"
मैने पूछा क्यों?
"बाघ तो एक ही बार मे मार खायेगा,
पर आप तो मुझे हर रोज़,
तिनका तिनका मारते है,
तड़पाते है, रुलाते है।" उसने कहा!
पर आप तो मुझे हर रोज़,
तिनका तिनका मारते है,
तड़पाते है, रुलाते है।" उसने कहा!
जितेंद्र
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