Sunday, January 13, 2019

अहं ब्रह्मास्मि...

अम्बर,
अम्बर में दिनकर,
दिनकर तले पर्वत,
पर्वत तले सरोवर,
सरोवर से लगी धरती,
धरती पे उगी झाड़ी,
झाड़ी में छिपा अक्स,
अक्स में छिपी इच्छा,
इच्छा में मैं,
मुझमे ये ब्रह्मांड,
ब्रह्मांड में सारा जहान..

जितेंद्र..

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