मोह ममता माया में
लिपटी एक "आत्मा"।
और कोई नहीं, वो
है मेरी "अम्मा" ।
मेरी सोच, मेरा-
-व्यक्तित्व, उसकी छाया।
मेरा हर एक दुःख,
उसने अपनाया।
एक सच्ची मार्गदर्शक,
एक महान व्यक्तित्व।
मेरे लिए मेरे जीवन
का आदर्श चरित्र ।
जितेन्द्र गुप्ता
This poem I have written over my grandmother, whom I call "Amma".
No comments:
Post a Comment